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गोरखपुर गोरखनाथ विवि से समझौता करेगा IIT BHU, पूर्वांचल में बनेगा नॉलेज पार्टनर; HEFA से 464.20 करोड़ का लोन मिला

गोरखपुर गोरखनाथ विवि से समझौता करेगा IIT BHU, पूर्वांचल में बनेगा नॉलेज पार्टनर; HEFA से 464.20 करोड़ का लोन मिला

कई दानदाताओं से एमओयू हस्ताक्षरित किए गए, जिनमें फैकल्टी चेयर, स्टार्टअप ग्रांट, छात्रवृत्ति, एआई और डेटा साइंस रिसर्च शामिल हैं। एलुमनाई योगदान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

IIT BHU: आईआईटी बीएचयू गोरखपुर के दो विश्वविद्यालयों को तकनीकी रूप से मजबूत करेगा। महायोगी गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के साथ समझौता किया जाएगा। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों में तकनीकी सहायता दी जाएगी। लोगों को सशक्त बनाया जाएगा।

आईआईटी के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने कहा कि आईआईटी बीएचयू एक नॉलेज पार्टनर के रूप में उभरेगा, जो कि प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन का समर्थन करेगा। इसके अलावा संस्थान को उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (एचईएफए) की ओर से 464.20 करोड़ रुपये का लोन मिला है।

प्रो. पात्रा ने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद शनिवार को प्रोफेसरों के साथ वार्ता की। कहा कि इस फंड से सात योजनाएं शुरू की गईं। शताब्दी नवाचार, अनुसंधान पार्क, शताब्दी रक्षा और प्रिसिजन इंजीनियरिंग हब, मालवीय छात्र गतिविधि एवं कंप्यूटिंग केंद्र, दो नए हॉस्टल, शैक्षणिक ब्लॉक और स्टाफ रेजिडेंशियल अपार्टमेंट।

उन्होंने कहा कि ये इस कार्यकाल की सबसे बड़ा उपलब्धि रही। हाल ही में एक प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका का दौरा किया, जहां न्यू जर्सी, न्यू यॉर्क, मेम्फिस और मिशिगन में एलुमनाई मीट हुई। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन, पर्ड्यू यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के साथ शैक्षणिक समझौते और अनुसंधान साझेदारी की संभावनाएं तलाशी गईं।

50 असिस्टेंट प्रोफेसरों की हुईं नियुक्तियां

आईआईटी-बीएचयू में वित्तीय वर्ष 2024–25 में 50 से ज्यादा असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्तियां हुईं।

टनलिंग और भूमिगत स्पेस इंजीनियरिंग के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना, 126 पेटेंट फाइल, 45 पेटेंट प्रकाशित और 75 पेटेंट स्वीकृत हुए। 2 तकनीकी स्थानांतरण भी हुए।

एक साल में 23 भारतीय और 8 अंतरराष्ट्रीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

भारत सरकार की योजना के तहत ए राष्ट्रीय सुविधा केंद्र- बैटरी अनुसंधान की स्थापना का कार्य मिला। कुल 17 हॉस्टल बनाए गए।

सभी मेस और शेफ को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से प्रमाणन मिला। कई हॉस्टलों में आईओटी आधारित वॉशिंग मशीनें और छात्राओं के लिए सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन स्थापित की गई है।

जिमखाना परिसर का नवीनीकरण हो रहा है। जी-11 सभागार को विश्व स्तरीय स्तर पर पुनर्निर्मित किया जा रहा है।

टेक्नो पवेलियन ग्राउंड पर अत्याधुनिक सिंथेटिक एथलेटिक्स कोर्ट बनाया जाएगा।

कक्षाओं और छात्रावासों के सामान्य कक्षों को चरणबद्ध ढंग से वातानुकूलित किया जा रहा है।
एक पूर्ण वातानुकूलित कक्षा परिसर उद्घाटन के लिए तैयार

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