गोरखपुर ऑनलाइन होगी रजिस्ट्री, बदलेंगे जटिल नियम, रजिस्ट्रेशन एक्ट-1908 में बदलाव के लिए भेजे गए सुझाव

गोरखपुर ऑनलाइन होगी रजिस्ट्री, बदलेंगे जटिल नियम, रजिस्ट्रेशन एक्ट-1908 में बदलाव के लिए भेजे गए सुझाव
केंद्र सरकार पुराने रजिस्ट्रेशन एक्ट-1908 को बदलने के लिए बिल लाने की तैयारी कर रही है। शासन के निर्देश पर डीआईजी स्टांप ने गोरखपुर मंडल में कमेटी गठित की थी, जिसमें गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज के एआईजी स्टांप के अलावा चौरीचौरा और महराजगंज के सब रजिस्ट्रार शामिल थे।
जल्द ही देशभर में जमीन-मकान की रजिस्ट्री का एक नियम होगा। अब ऑनलाइन रजिस्ट्री करा सकेंगे, निबंधन कार्यालय आने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए सभी दस्तावेजों का विक्रय अनुबंध, पावर ऑफ अटॉर्नी और अन्य दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। दस्तावेजों को आधार कार्ड और पैन कार्ड से लिंक किया जाएगा। 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन एक्ट-1908 को बदलने के लिए प्रदेश के सभी 17 मंडलों के निबंधन कार्यालय से सुझाव मांगे गए थे, गोरखपुर मंडल में गठित छह सदस्यीय टीम के सुझाव मुख्यालय भेज दिए गए हैं।
केंद्र सरकार पुराने रजिस्ट्रेशन एक्ट-1908 को बदलने के लिए बिल लाने की तैयारी कर रही है। शासन के निर्देश पर डीआईजी स्टांप ने गोरखपुर मंडल में कमेटी गठित की थी, जिसमें गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज के एआईजी स्टांप के अलावा चौरीचौरा और महराजगंज के सब रजिस्ट्रार शामिल थे। कमेटी ने रजिस्ट्रेशन एक्ट के जटिल नियमों को सरल बनाने और रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बिंदुवार सुझाव विभाग को साैंपे थे। सुझावों की समीक्षा के बाद दो दिन पहले रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है।
जानकारी के मुताबिक, रजिस्ट्री के सारे काम मैनुअल की जगह डिजिटल करने, हर प्रॉपर्टी को आईडी आधारित कराने, फर्जी रजिस्ट्री की जानकारी होने पर उसे निरस्त करने के लिए सब रजिस्ट्रार का अधिकार बढ़ाने, सभी दस्तावेज को ऑनलाइन अपलोड करने सहित 20 से ज्यादा बिंदुओ पर सुझाव भेजे गए हैं। साथ ही ऑनलाइन व्यवस्था में होने वाली समस्याओं और उनके समाधान के लिए भी सुझाव दिए गए हैं। माना जा रहा है कि सभी मंडलों से सुझाव आने के बाद प्रदेश सरकार अपनी रिपोर्ट केंद्र को भेजेगी।
रजिस्ट्रेशन एक्ट-1908 में बदलाव के लिए प्रदेश स्तर पर सुझाव मांगे गए थे। इसके लिए गोरखपुर मंडल में छह सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। कमेटी से मिले सुझावों की समीक्षा करने के बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। – मनोज शुक्ला डीआईजी, स्टांप