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गोरखपुर/उरुवा ब्लॉक की लापरवाही से छात्र पी रहे गंदा बदबूदार पानी

गोरखपुर/उरुवा ब्लॉक की लापरवाही से छात्र पी रहे गंदा बदबूदार पानी

उरुवा (गोरखपुर) भारत सरकार से लगाय प्रदेश सरकार अपने जन मानस को स्वच्छ जल पिलाने हेत लगातार कार्य करा रही है। लेकिन विभागीय कर्मचारी जल मिशन जैसे महत्वपूर्ण योज‌ना का पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जब कि विधालय के प्रधानाध्यापक अजय कुमार मल्ल ने जल समस्या को लेकर खण्ड विकास अधिकारी को पत्र देकर इण्डिया मार्का हैंड पम्प से निकलने वाले जल की जांच कराने व ठीक कराने की मांग किया था लेकिन कुछ नहीं हुआ। पानी खराब व संक्रमित है फिर भी एमडीएम उसी पानी से बनाने पर मजबूरी का शबब वन गया है विकास खण्ड उरुवा से आये जांच में वह भी टांय-टांय फिश हो गये फिल हाल समस्या का समाधान होना टेढ़ी खीर दिख रहा है।

मालूम हो कि उरुवा विकास खण्ड में स्थित कम्पोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय भरथरी में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को जल निगम अधिकारियों द्वारा जानबुझ कर ठीक नहीं कराया जा रहा है। क्यों कि ब्लॉक से आए कर्मचारियों ने जांच दे कर चला गया और वापस नही देखा। वहीं प्रधानाध्यापक ने ग्राम प्रधान से बार-बार सिफारिश करके थक गये और प्रधान जी अपने ग्राम समाज के बच्चों के हित में इण्डिया मार्का हैण्ड पम्च से पानी नही जहर को ठीक कराने में अक्षम साबित हुए हैं। जब गांव का मुखिया ही अपने ही ग्राम पंचायत के पाल्यों की रक्षार्थ से कोसो दूर है तो गांव का भला कैसे हो सकता वैसे जांच पड़‌ताल के दौरान यह समस्या खण्ड शिक्षा अधिकारी ने जब देखा तो हैरान होगये कि गांव के बच्चों को पानी के स्थान पर जहर मिल रहा है। खण्ड शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार सिह ने तत्काल वीडीओ उरुवा से वार्ता कर समस्या से अवगत कराये। फिल हाल समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया। वही कहावत है कि वीडीओ ग्राम पंचायत अधिकारी व प्रधान अपने तो स्वच्छ जल पीते और अपने बच्चों को परोसते है तो भला गरीब पाल्यों को वही सहन व गन्दा पानी पीलाने पर तुले हैं। राजा व प्रजा की कहानी चरितार्थ हो रही है। फिल हाल बच्चों के स्वाथ्य को लेकर प्रधानाध्यापक काफी चिन्तित रहते हैं। वर्तमान समेत में उरुवा ब्लाक के ग्राम पंचायत समेत अन्य कर्मी जनहित समस्याओं से कोसों दूर है। मजे की बात है कि ब्लाक कर्मचारी पटल के कार्यों से कोसो दूर है। इतना ही प्रधानों एक ही कार्य को बार बार दिखा कर भुगतान भी करा दिया गया है यदि सही जांच पड़ताल करके निराकरण समय से ये कर्मचारी करते तो समाज व जनहित समेत स्कूल के बच्चों को शुद्ध जल मिल सकता है।

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