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गुरुग्राम : सत्यं शिवं सुन्दरम्” का सूत्र सिखाती है भगवान शिव कथा – डॉ. सर्वेश्वर

रिपोर्टर इंडिया नाउ 24 सुरेंद्र गुरुग्राम

सत्यं शिवं सुन्दरम्” का सूत्र सिखाती है भगवान शिव कथा – डॉ. सर्वेश्वर

विश्व के कण-कण में है शिव तत्व की थिरकन – डॉ. सर्वेश्वर
ब्रह्मज्ञान के माध्यम से शिव तत्व भीतर प्रकट होता है – डॉ. सर्वेश्वर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा हुडा ग्राउंड, यूरो इंटरनेशनल स्कूल के पास, सेक्टर 10,

गुरुग्राम, हरियाणा में 9-15 नवम्बर 2025 तक सात-दिवसीय भगवान शिव कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसका समय शाम 5.00 से रात्रि 8.30 बजे तक है।

कार्यक्रम का शुभारंभ रुद्री पाठ के साथ वैदिक रीति से किया गया। इसके पश्चात यजमान परिवारों द्वारा विधि-विधानपूर्वक शिव महापुराण का पूजन सम्पन्न किया गया, जिसके द्वारा कथा की पवित्र शुरुआत हुई।

कथा के प्रथम दिवस दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य कथा व्यास डॉ. सर्वेश्वर जी ने कथा माहात्म्य का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान शिव की महिमा तो ऐसी है जो देश-काल की समस्त सीमओं से परे विश्व के कण-कण में समाहित है। आज केवल भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में भगवान शिव के असंख्य भक्त उनकी उपासना करते हैं। यदि विश्व की विभिन्न प्राचीन सभ्यताओं की ओर दृष्टिपात करें तो वहाँ भी भगवान शिव की उपासना के असंख्य प्रमाण मौजूद हैं। उदाहरणस्वरूप तुर्किस्तान के बेबीलोन शहर में एक हजार दो सौ फुट का एक विशाल शिवलिंग पाया गया है। स्कॉटलैंड में स्वर्णजड़ित एक विशाल शिवलिंग है।

आयरलैंड के तारा हिल में एक बहुत पुराना शिवलिंग स्थापित है। दक्षिण अफ्रीका के ब्राज़ील शहर में अनेकों शिवलिंग हैं। इसी प्रकार मेक्सिको, जावा, कम्बोडिया, सुमात्रा, नेपाल,भूटान, इटली, यूरोप आदि देशों में विभिन्न प्राचीन शिवलिंग होने के प्रमाण मिले हैं। ये सब साक्ष्य भगवान शिव की सर्वगम्यता व असीमित लोकप्रियता को ही दर्शाते हैं। बात करें भारत देश की, तो इतने विदेशी आक्रमणों के बाद भी यदि भारतीय संस्कृति प्रफुल्लित साँसें भर रही है तो इसका एकमात्र कारण है इसकी धमनियों में प्रवाहित होता शिव तत्व। या यूँ कहें,भारत देश की तो आत्मा ही महादेव हैं। लेकिन अफ़सोस, आधुनिकता की अंधी दौड़ में दौड़ती भारत देश की संतानें आज शिव तत्व से कोसों दूर हो पतन की गहरी खाई में लुढ़कती चली जा रहीं हैं। आज समाज में व्याप्त हिंसा, वैमनस्य, मतभेद सब शिव तत्व का समाज से
विलुप्तिकरण ही दर्शाते हैं।

प्रभु की यह पावन कथा उसी सनातन शिव तत्व को उजागर करने आई है। शिव तत्व को ब्रह्मज्ञान के माध्यम से घट में प्रकट करने आई है। ताकि शिव की संतानें “सत्यं शिवं सुन्दरम्”
के सूत्र का अनुसरण करते हुए इस मायायुक्त संसार में सत्य का वरण कर शिवपथ अर्थात् कल्याणकारी पथ पर आगे बढ़ें और अपने जीवन को सुंदर बना लें। कथा का समापन प्रभु की
पावन आरती से किया गया। संस्थान की अधिक जानकारी हेतु आप ऑफिसियल वेबसाइट पर भी विज़िट कर सकते हैं:- https://www.djjs.org/

प्रथम दिवस के यजमान रहे: श्री विनोद प्रकाश कोरीवाल एवं श्रीमती मंजू कोरीवाल (AVM Management Service), यजमानों के साथ-साथ अनेक विशिष्ट अतिथिगण ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति प्रदान की, जिनमें मुख्य रूप से श्रीमती एवं श्री S. V. Goyal (CEO एवं Director, METL-Reliance), श्री त्रिलोक चंद अग्रवाल (अध्यक्ष, वैश्य समाज), श्री पवन जिंदल (अध्यक्ष, दौलताबाद रोड इंडस्ट्रियल एसोसिएशन), श्री बबल उपाध्याय एवं श्री बॉबी उपाध्याय, श्री सुरिंदर वशिष्ठ, श्री राकेश गुप्ता (महामंत्री, वैश्य समाज), श्री नावेल सागर, श्री राजेश सागर, श्री सुरेंद्र वत्स एवं श्रीमती सुदेश वत्स, श्री कमलेश्वर प्रसाद तिवारी (सेवानिवृत्त फ्लाइंग ऑफिसर), श्री राजीव शर्मा (GST विभाग), श्रीमती रीना शर्मा एवं कु. महक शर्मा (KAN ITC CO), श्री कैलाश शर्मा, श्री देवकी नंदन अग्रवाल, श्री प्रवीण गर्ग, श्री अरुण अग्रवाल, तथा श्री एम. पी. गौतम सम्मिलित रहे।

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