यूपी: अब स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए बदलेगी व्यवस्था, निजी कंपनी के हाथों में सौंपा गया काम

यूपी: अब स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए बदलेगी व्यवस्था, निजी कंपनी के हाथों में सौंपा गया काम
यूपी में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की व्यवस्था में बदलाव होने जा रहा है। यह काम एक निजी कंपनी के हाथों में दिया जाएगा।
वाहनों के फिटनेस टेस्ट के बाद स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्टिंग की व्यवस्था भी पहली जनवरी से निजी हाथों में चली जाएगी। आवेदकों को टेस्ट देने के लिए ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ के बजाय बंथरा में तैयार प्राइवेट ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर जाना पड़ेगा। यहां टेस्टिंग का काम निजी एजेंसी करेगी। इसकी रिपोर्ट पर आरटीओ की मंजूरी के बाद लाइसेंस जारी होगा।
आरटीओ के प्रमुख कार्यों में गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन, फिटनेस और डीएल जारी करना है। परिवहन विभाग धीरे-धीरे इन सेवाओं को निजी हाथों में सौंप रहा है। करीब एक महीने पहले ट्रांसपोर्टनगर का फिटनेस सेंटर बंद कर बीकेटी में ऑटोमेटिक टेस्टिंग सिस्टम (एटीएस) खोल दिया गया। अब स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्ट का काम भी प्राइवेट एजेंसी को सौंपा जा रहा है। हालांकि, इसके शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन ऑनलाइन होता है। आवेदकों को आरटीओ नहीं जाना पड़ता है। लाइसेंस जारी होने के छह महीने बाद स्थायी डीएल के लिए टेस्ट ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ में लिया जाता है।संभागीय निरीक्षक पूरी प्रक्रिया का वीडियो बनवाते हैं। नई व्यवस्था में स्थायी डीएल के लिए टेस्ट बंथरा के प्राइवेट ट्रेनिंग सेंटर में ही होंगे। प्राइवेट संचालक भी इसका वीडियो बनाएंगे।
…इसलिए बदलनी पड़ रही व्यवस्था
डीएल बनवाने की प्रक्रिया।
सूत्र बताते हैं कि शिकायतें मिलती रहती हैं कि आरटीओ में बगैर टेस्ट लिए ही कई लोगों के डीएल बना दिए गए। राजधानी में बढ़ते सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए भी यह जरूरी है कि योग्य आवेदक को ही डीएल जारी हो। टेस्ट लेने वाली निजी एजेंसी के लिए भी वीडियोग्राफी करना अनिवार्य होगा। इनके कर्मचारी आवदेकों को यातायात नियमों, सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक भी करेंगे। नई व्यवस्था से डीएल की टेस्टिंग में आरटीओ की दखलंदाजी काफी हद तक कम होगी।
भाग-दौड़ बढ़ने से परेशान होंगे आवेदक
स्थायी डीएल के लिए बायोमेट्रिक जांच, हस्ताक्षर, फोटो आदि के काम करवाने के लिए आवेदकों को ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ ही आना पड़ेगा, जबकि टेस्टिंग बंथरा के सेंटर में होगी। ऐसे में उनकी भाग-दौड़ बढ़ जाएगी। सूत्र बताते हैं कि आने वाले समय में आरटीओ में होने वाले सभी काम बंथरा स्थित ट्रेनिंग सेंटर में ही होंगे। परिवहन विभाग के अफसर भी यहीं बैठेंगे।टेस्ट से पहले दिया जाएगा प्रशिक्षणनए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर में टेस्ट से पहले आवेदकों को वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें यातायात नियमों से संबंधित वीडियो भी दिखाए जाएंगे, ताकि टेस्ट के दौरान उन्हें आसानी हो।



