गुरुग्राम : फोर्टिस गुरुग्राम ने थैलसीमिया-ग्रस्त बच्चों के साहस का जश्न मनाने के उद्देश्य से किया ‘रॉकस्टार्स ऑफ थैलसीमिया’ का आयोजन

रिपोर्टर इंडिया नाउ 24 सुरेंद्र गुरुग्राम
फोर्टिस गुरुग्राम ने थैलसीमिया-ग्रस्त बच्चों के साहस का जश्न मनाने के उद्देश्य से किया ‘रॉकस्टार्स ऑफ थैलसीमिया’ का आयोजन
पद्मश्री से सम्मानित कलाकार तथा जाने-माने भजन सम्राट अनूप जलोटा समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित
अंतरराष्ट्रीय थैलसीमिया दिवस के मौके पर, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के पिडियाट्रिक हेमेटोलॉजी ओंकोलॉजी एवं बीएमटी डिपार्टमेंट ने थैलसीमिया से प्रभावित बच्चों के हौंसलो को सलाम करने के लिए रॉकस्टार्स ऑफ थैलसीमिया’ का आयोजन किया। इस आयोजन से 30 ऐसे थैलसीमिया ग्रस्त बच्चे जुड़े जिन्होंने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से मंच पर ऊर्जा का संचार किया। इन बच्चों ने नृत्य, संगीत, कविता पाठ के अलावा स्टैंड-अप कॉमेडी भी पेश की। उनके उत्साह और उल्लास ने आज के इस दिन को आशा और उमंग का से भर दिया।
इस अवसर पर, डॉ विकास दुआ, प्रिंसीपल डायरेक्टर एंड हेड, पिडियाट्रिक हेमेटोलॉजी, हेमेटो ओंकोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने कहा, “थैलसीमिया ऐसा मौन स्वास्थ्य संकट है जो अनगिनत परिवारों, और खासतौर से कम सेवा-सुविधाप्राप्त इलाकों में रहने वाले लोगों, को प्रभावित करता है। आरंभिक स्क्रीनिंग और जागरूकता से कई बच्चों को आजीवन इस संकट से जूझने से बचाया जा सकता है। 8 मई इंटरनेशनल थैलसीमिया डे है जो कि आम जनता और नीति-निर्माताओं को इस बारे में जागरूक बनाने के मकसद से आयोजित किया जाता है। इस दिन, थैलसीमिया प्रभावित मरीजों की ताकत का जश्न मनाया जाता है, उनके जज़्बों को सलाम किया जाता है और साथ ही, उनके लिए सेहतमंद तथा उम्मीदों से भरपूर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए अधिक ठोस नीतियों एवं सपोर्ट सिस्टम्स को तैयार करने की आवाज़ बुलंद की जाती है।
पद्मश्री से सम्मानित श्री अनूप जलोटा ने कहा, “बचपन वह समय है जब बच्चों को जीवन रूपी उपहार का भरपूर आनंद उठाने का मौका मिलना चाहिए, यह समय थैलसीमिया जैसी स्वास्थ्य चुनौतियों से जूझने पर खर्च नहीं होना चाहिए। इस बारे में जागरूकता बढ़ाकर तथा मेडिकल प्रोफेशनल्स को प्रशिक्षित कर, हम थैलसीमिया के साथ जीवन बिता रहे बच्चों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार ला सकते हैं। आज इन बच्चों का उत्साह और दनके जज़्बों को देखना वाकई प्रेरणास्पद था। इनकी प्रस्तुतियां इस बात को दोहराने वाली थीं कि आरंभिक डायग्नॉसिस और समय रहते उचित इलाज मिलने से इनकी कंडीशन में काफी हद तक सुधार किया जा सकता है, ताकि ये युवा योद्धा अधिक भरपूर और सेहतमंद जीवन बिता सकें।
फोर्टिस हेल्थकेयर काफी लंबे समय से थैलसीमिया के खिलाफ लड़ाई लड़ता आया है और इसके लिए क्लीनिकल उत्कृष्टता, पब्लिक एडवोकेसी तथा कम्युनिटी आउटरीच की रणनीतियों को अपनाया जाता है। अपनी एडवांस डायग्नॉस्टिक शाखा एगिलस डायग्नॉस्टिक्स तथा स्पेश्यलाइज़्ड हेमेटोलॉजी डिपार्टमेंट की मदद से फोर्टिस थैलसीमिया मरीजों के लिए संपूर्ण देखभाल की पेशकश करता है जिसमें स्क्रीनिंग, जेनेटिक काउंसलिंग, बोन मैरो ट्रांसप्लांट के अलावा उदीयमान जीन थेरेपी तक पहुंच शामिल हैं। फोर्टिस इस रक्त विकार से बचाव, शुरआती चरणों में ही इसका पता लगाने और लंबे समय तक देखभाल जैसे पहलुओं के संबंध में अपनी प्रतिबद्धत के चलते, स्कूल एवं कॉलेज आउटरीच, गैर सरकारी संगठनों के साथ परस्पर सहयोग और सरकारी संगठनों के साथ महत्वपूर्ण पार्टनरशिप पर जोर देता रहा है।