गुरुग्राम : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में कराया जाता है ईश्वर का साक्षात् दर्शन- डॉ. सर्वेश्वर

रिपोर्टर इंडिया नाउ 24 सुरेंद्र गुरुग्राम
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में कराया जाता है ईश्वर का साक्षात् दर्शन- डॉ. सर्वेश्वर
जो ईश्वर-दर्शन तत्क्षण घट में करवाए, वहीं है सच्चा गुरु – डॉ. सर्वेश्वर
भगवान शिव कथा के षष्ठम दिवस तारकासुर वध गाथा का किया गया व्याख्यान

हुडा ग्राउंड, यूरो इंटरनेशनल स्कूल के पास, सेक्टर 10, गुरुग्राम, हरियाणा में चल रही सात दिवसीय भगवान शिव कथा के षष्ठम दिवस दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक व संचालक दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य कथा व्यास डॉ. सर्वेश्वर जी ने तारकासुर वध की गाथा को भक्तों के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि तारकासुर ने घोर तपस्या कर ये वरदान प्राप्त किया कि उसकी मृत्यु केवल शिवपुत्र के हाथों ही हो। तारकासुर ने सोचा कि शिव तो वैरागी हैं, सो वह तो विवाह नहीं करवाएंगे और न ही उनका कोई पुत्र होगा। यह सोच उसने खुद को अमर मान सब प्राणियों पर अत्याचार आरम्भ कर दिए। लेकिन शिव-पार्वती विवाह के उपरांत उनके यहाँ कुमार कार्तिकेय का जन्म हुआ। देवताओं ने कुमार को देवसेना का सेनापति घोषित कर तारकासुर पर चढ़ाई कर दी। कुमार कार्तिकेय ने बड़ी वीरता से तारकासुर का अंत कर उसके भय व आतंक के साम्राज्य को धराशायी कर दिया।
कथा का मर्म समझाते हुए स्वामी जी ने बताया कि ये तारकासुर प्रतीक है आज समाज में प्रतिष्ठित तथाकथित धर्मगुरुओं का। तारकासुर का शाब्दिक अर्थ है तारने वाला असुर। अर्थात् वो झूठे तथाकथित धर्मगुरु जो समाज को तारने के उपदेश तो देते हैं लेकिन न तो उन्होंने स्वयं ईश्वर का दर्शन किया है और न ही अपनी शरण में आए जिज्ञासुओं को ईश्वर दर्शन करवाने का सामर्थ्य रखते हैं। उलटा लोगों को अपने शब्दजाल में फँसा कर और भी भ्रमित कर देते हैं। आज ज़रूरत है हमें भी पूर्ण गुरु की पहचान को प्राप्त करने की। पूर्ण गुरु वहीं होते हैं जो दीक्षा देते समय मस्तक पर हाथ रख तत्क्षण ही ईश्वर का दर्शन घट में करवा देते हैं। वो कोई मन्त्र, माला, नाम आदि नहीं देते अपितु ईश्वर के प्रकाश रूप को अंदर प्रकट कर देते हैं। ईश्वर दर्शन की इसी सनातन विद्या को शास्त्रों में ब्रह्मज्ञान कह कर संबोधित किया गया है। इसलिए हम भी ऐसे सद्गुरु की खोज करें जो हमें ब्रह्मज्ञान प्रदान करने का सामर्थ्य रखते हों, अगर कहीं न मिलें तो दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में ईश्वर का तत्क्षण प्रत्यक्ष दर्शन करवाया जाता है। ईश्वर दर्शन के सच्चे जिज्ञासुओं का संस्थान स्वागत करता है। संस्थान की अधिक जानकारी हेतु आप ऑफिसियल वेबसाइट पर भी विज़िट कर सकते हैं:- https://www.djjs.org/
कार्यक्रम में अनेक विशिष्ट अतिथिगणों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति प्रदान की, जिनमें प्रमुख रूप से श्री अंकित चौकेयी, आईएएस, एसडीएम झज्जर, श्री पवन कुमार जिंदल जी – अध्यक्ष दौलताबाद रोड इंडस्ट्रियल एसोसिएशन गुरुग्राम, एडवोकेट पी. सी. सैनी जी – जीएसटी कोऑर्डिनेटर बीएसपी जिला गुरुग्राम, श्रीमती सावित्री देवी जी – उजरा गोयल परिवार, श्री हनिओम शर्मा जी, सुश्री पहुनी जैन, श्रीमती संगीता जैन, श्री गौसव पुसी – वाइस प्रेसिडेंट मटेरियल प्लस लिमिटेड शामिल रहे। षष्ठम दिवस के यजमान श्री रामावतार यादव जी एवं श्रीमती संतोष देवी जी, श्री पंकज सिंगला जी एवं श्रीमती लता सिंगला जी, श्री हिम्मत जी भारद्वाज जी एवं श्रीमती हेमलता भारद्वाज रहे, जिन्होंने भक्ति एवं श्रद्धा के साथ यज्ञ का अनुष्ठान संपन्न किया।



