गाजीपुर : वोट की ताकत से दहशतगर्दी को उखाड़ फेंकना ही कृष्णानंद राय को सच्ची श्रद्धांजलि : पारस नाथ राय
बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।
आज दिनांक।29/11/024को
वोट की ताकत से दहशतगर्दी को उखाड़ फेंकना ही कृष्णानंद राय को सच्ची श्रद्धांजलि : पारस नाथ राय
गाजीपुर।मुहम्मदाबाद में आज कृष्णानंद राय सहित सातों शहीदो की बरसी के दिन घटनास्थल पर बने स्मारक में एक वृहद आयोजन किया गया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, बलिया से विधायक रहे पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी, वरिष्ठ भाजपा नेता पारसनाथ राय, मुहम्मदाबाद की पूर्व विधायक एवम् कृष्णानंद राय की पत्नी अल्का राय , मनोज सिंह सहित जनपद तथा आसपास के जिलों के प्रमुख लोग एकत्रित होकर स्वर्गीय कृष्णानंद राय को याद किए।मंच से अपने संबोधन में पूर्व विधायक अल्का राय ने कहा कि आपका साथ हमें शक्ति देता है। जनता के आशीर्वाद से ही यह लड़ाई निर्णायक मुकाम तक पहुंचेगी। पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा कि निर्भय होकर हमें वोट की ताकत को अपनी ताकत बनाना है जिससे हम आतंकी कुनबे का समूल नाश कर पाएंगे। वरिष्ठ भाजपा नेता और गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी पारसनाथ राय ने कहा कि मुख्तार अंसारी जैसे दुर्दांत अपराधी के विरुद्ध न्यायालय और प्रशासन तो अपना कार्य कर रहे थे परंतु ईश्वर ने उस आतताई को जैसा दण्ड मिलना चाहिए ठीक वैसा ही दण्ड दिया। शायद पुलिस की गोली का शिकार होने पर मुख्तार को सही सजा न मिलती। ईश्वर की लाठी में आवाज नहीं होती है।वोट की ताकत से उस दहशतगर्द के परिवार को मुहम्मदाबाद से उखाड़ फेंकना ही कृष्णानंद राय को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। सनद रहे भाजपा के टिकट पर वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी के प्रभाव वाली गाजीपुर की मोहम्दाबाद सीट पर अफजाल को मात देने वाले कृष्णानंद राय कद्दावर नेता के तौर पर लोकप्रियता हासिल कर रहे थे। पूर्वी उत्तर प्रदेश में उन्होंने पहली बार अंसारी बंधुओं को सियासी अखाड़े में ऐसी चुनौती दी थी जिससे उन्हें अपना राजनीतिक वजूद खतरे में पड़ता नज़र आ रहा था। लेकिन किसे मालूम था कि यह चुनावी रंजिश कृष्णानंद राय की निर्मम हत्या की वजह बन जाएगी। मुख्तार अंसारी गैंग ने 29 नवम्बर 2005 को करीब 400 राउंड गोलियां बरसाकर भाजपा विधायक कृष्णांनद राय समेत 7 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस सनसनीखेज हत्याकांड से पूरा पूर्वांचल थर्रा गया था।