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गाजीपुर : विश्वास ही है जीवन की सबसे बड़ी शक्ति : स्वलेख संदेश

बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।

आज दिनांक।07/09/025को

विश्वास ही है जीवन की सबसे बड़ी शक्ति : स्वलेख संदेश

गाजीपुर। स्वलेख संदेश के नवीन अंक में इस बार जीवन के सबसे अहम पक्ष विश्वास पर गहन विवेचना की गई है। लेख में बताया गया है कि विश्वास की ताक़त से ही मानव सभ्यता चाँद-सितारों तक पहुँची है। ग्रहों पर आना-जाना विश्वास प्रणाली का सशक्त उदाहरण है। आत्मविश्वास को व्यक्ति का सबसे बड़ा तंत्र बताते हुए कहा गया है कि इससे इंसान वह सब कुछ हासिल कर सकता है, जिसकी वह कामना करता है।

लेख में उल्लेख है कि वेद, शास्त्र, पुराण और दर्शन सभी ने विश्वास को जीवनचक्र का महत्वपूर्ण अंग बताया है। संबंधों की नींव भी विश्वास पर ही टिकी है। जहाँ विश्वास है वहीं अविश्वास का जन्म भी होता है। लेखक ने स्पष्ट किया है कि अविश्वास की जड़ें भी विश्वास में ही छिपी रहती हैं।

आलेख में यह भी कहा गया है कि बचपन में व्यक्ति का हृदय कोरे कागज जैसा होता है और वह सब पर विश्वास करता है। परंतु जब व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएँ, आरोप-प्रत्यारोप और संदेह हावी होने लगते हैं तो विश्वास कमजोर होकर अविश्वास का रूप धारण करने लगता है। यही अविश्वास रिश्तों को असंतुलित कर देता है और व्यक्ति का हृदय फूल से पत्थर की तरह कठोर हो जाता है।

फिर भी समर्थन, प्यार और आत्म-चिंतन से यह पत्थर बना हृदय पुनः संवेदनशील बन सकता है। संवैचारिक और सच्चे लोग ही विश्वास का खाद-पानी बनते हैं, जो टूटे दिल में फिर से नई उम्मीद जगाते हैं। लेख का निष्कर्ष यही है कि हजारों अविश्वासों से एक विश्वास उभरकर आगे बढ़ जाता है और समूचा जगत उसी पर टिका है।

विश्वास और अविश्वास को सार्वभौमिक सत्य बताते हुए लेखक ने कहा है कि अविश्वास कुछ पल के लिए प्रभावित कर सकता है लेकिन स्थायित्व कभी नहीं दे सकता। अंत में यही निष्कर्ष दिया गया है कि दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति विश्वास की शक्ति है।

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