गाजीपुर : बहरियाबाद के इमामबाड़ा में ग्यारहवीं मुहर्रम पर मजलिस, पेश हुआ कर्बला का मंजर

बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।
आज दिनांक।07/07/025को
बहरियाबाद के इमामबाड़ा में ग्यारहवीं मुहर्रम पर मजलिस, पेश हुआ कर्बला का मंजर
जखनिया, गाजीपुर। स्थानीय कस्बा बहरियाबाद स्थित इमामबाड़ा में ग्यारहवीं मुहर्रम के मौके पर गुरुवार को एक विशेष मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस में बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने शिरकत की और शोहदाए कर्बला को खिराज-ए-अकीदत पेश किया।
फैजाबाद से आए मौलाना सादिक हुसैन नकवी ने मजलिस को संबोधित करते हुए कहा कि यजीद के दरबार में इमाम जैनुलआबिदीन ने कर्बला के दुखद हालात और अहलेबैत पर ढाए गए जुल्म को जब बयान किया, तो यजीद की सारी साजिशें नाकाम हो गईं। उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन की शहादत के बाद भी जुल्म खत्म नहीं हुआ। मासूम सकीना समेत कर्बला के कारवां को कूफा और फिर शाम ले जाया गया, जहां उन्हें शारीरिक और मानसिक पीड़ाओं से गुजरना पड़ा।
सय्यद जाफर इमाम आब्दी ने भी मजलिस को संबोधित किया और कर्बला की घटना को इस्लामी इतिहास का सबसे बड़ा सबक बताया। उन्होंने कहा कि अहलेबैत ने जिस सब्र, साहस और इस्लामी उसूलों के लिए कुर्बानी दी, वह आज भी इंसानियत के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
मजलिस की शुरुआत सोजख्वानी से हुई, जिसमें वजीहुल हसन, आमिर हसन और हैदर अब्बास ने सोज पढ़े। पेशख्वानी का फर्ज मोहम्मद फैज गाजीपुरी ने अदा किया। वहीं, सफदर आब्दी ने अपने अशआरों के माध्यम से शोहदाए कर्बला और अहलेबैत की अजमत को बखूबी बयान किया।
कार्यक्रम के अंत में नौहाख्वानी और मातम किया गया, जिसमें उपस्थित अकीदतमंदों ने इमाम हुसैन और उनके साथियों की कुर्बानी को याद कर नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुन्तजिर इमाम, शमीमुलवरा, फायक हसन, वाकिफ हसन, दानिश, हैदर अब्बास, काशिफ समेत कई श्रद्धालु मौजूद रहे। कार्यक्रम शांति और गरिमा पूर्ण माहौल में संपन्न हुआ।