गाजीपुर : ज्ञान रूपी फसल कल्टीवेशन से प्राप्त होती है जबकि खर पतवार अपने से उग आते हैं: डॉ एन पी सिंह

बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।
आज दिनांक।23/09/025को
ज्ञान रूपी फसल कल्टीवेशन से प्राप्त होती है जबकि खर पतवार अपने से उग आते हैं: डॉ एन पी सिंह

(भुड़कुड़ा गाजीपुर)आज श्री महंथ रामाश्रयदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय भड़कुड़ा में अंग्रेजी विभाग द्वारा यू जी सी गाईड लाईन के अनुसार दीक्षारंभ कार्यक्रम 2025 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्नातक तथा स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के नवप्रवेशी छात्र छात्राओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में यू पी कॉलेज वाराणसी से सेवानिवृत्त अंग्रेजी प्रोफ़ेसर डॉ नरेंद्र प्रताप सिंह उपस्थित थे। डॉ सिंह ने अपने सम्बोधन में महाविद्यालय की कीर्ति का जिक्र करते हुए गौरवशाली अतीत से विद्यार्थियों को परिचित कराया। उन्होंने कहा कि कोई भी अच्छा कार्य जीवन के किसी भी क्षण में शुरू किया जा सकता है। परिश्रम और लगन सफलता की कुंजी है। आज विद्यार्थी पुस्तकों से दूर हो गया है। स्मार्ट फोन गहन पुस्तकीय अध्ययन का कभी भी विकल्प नहीं बन सकता। ज्ञानार्जन की तुलना अच्छी फसल प्राप्त करने से करते हुए उन्होंने कहा कि खर पतवार अपने आप उग आते हैं। जबकि फसल प्राप्त करने हेतु कल्टीवेशन करना पड़ता है। सोशल मीडिया का ज्ञान खर पतवार जैसा है लेकिन पुस्तकों में असली ज्ञान छिपा है जिसे प्राप्त करने के लिए कल्टीवेशन करना पड़ेगा। विभागाध्यक्ष डॉ संतोष कुमार मिश्र ने कहा कि चिंतन मनन के पश्चात् मनीषियों ने महाविद्यालय के ध्येय वाक्य “तेजस्विनावधितमस्तु “का चयन किया। यह तैत्तिरीय उपनिषद् से लिया गया वाक्यांश है जिसका अर्थ है हम प्रभावी ज्ञान प्राप्त करें। कालांतर में इसे पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने भी अपने ध्येय वाक्य के रूप में अपना लिया। किसी महाविद्यालय का कुलगीत भी उसी तरह से महत्व रखता है जिस प्रकार से राष्ट्र के संदर्भ में राष्ट्रगान। डॉ अशोक सिंह द्वारा रचा गया कुलगीत आदि गुरु बूला साहब से लेकर महाविद्यालय के संस्थापक ब्रह्मलीन श्री महंथ रामाश्रयदास जी महाराज तक का स्मरण दिलाते हुए उनकी शिक्षा को आत्मसात करने की प्रेरणा देता है। कार्यक्रम के आरम्भ में आशा यादव तथा तनुजा परम द्वारा कुलगीत प्रस्तुत किया गया। संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ विजयबहादुर यादव ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया तथा बी ए प्रथम सेमेस्टर अंग्रेजी की छात्रा अमीषा कुमारी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. प्रदीप कुमार द्वारा आभार ज्ञापन किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रो सत्यप्रकाश, प्रो शिवानन्द पाण्डेय, डॉ जयप्रकाश सिंह, श्री सुदर्शन सिंह, डॉ मनोज कुमार सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।


