Breaking Newsभारत

गाजीपुर : जखनियां में बिजली कटौती से व्यापारी और किसान बेहाल, ऊर्जा मंत्री से व्यवस्था सुधारने की मांग

बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।

आज दिनांक।24/07/025को

जखनियां में बिजली कटौती से व्यापारी और किसान बेहाल, ऊर्जा मंत्री से व्यवस्था सुधारने की मांग

स्थानीय, जखनियां (गाज़ीपुर)।जखनियां तहसील क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती ने आम जनता, किसान और व्यापारी वर्ग की परेशानियां कई गुना बढ़ा दी हैं। तेज़ गर्मी और रोपाई के मौसम में लगातार 12 से 24 घंटे तक बिजली की अनुपलब्धता ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जबकि सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 20 से 22 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया जा रहा है, परंतु जखनियां में यह दावा पूरी तरह से खोखला साबित हो रहा है।

स्थानीय व्यापारियों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि “बिजली बिल भरपूर आता है, लेकिन बिजली नदारद रहती है। आम लोग, विद्यार्थी और किसान सभी परेशान हैं।”

व्यापारियों का कहना है कि बिजली विभाग केवल बिल वसूली और लोड बढ़ाने का दबाव बना रहा है, लेकिन जब बिजली सप्लाई देने की बात आती है तो कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता।

सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि क्षेत्र के लोग बार-बार विभागीय अधिकारियों को फोन कर रहे हैं, लेकिन न ही जेई और न ही अधिशासी अभियंता फोन रिसीव कर रहे हैं। लोगों का आक्रोश इस बात को लेकर भी है कि इतनी गंभीर समस्या के बावजूद भी कोई जवाबदेही तय नहीं हो रही है।

इस मुद्दे को लेकर जखनियां के व्यापारियों और किसानों ने एक सुर में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से मांग की है कि जखनियां की बिजली व्यवस्था को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष प्रमोद वर्मा ने भी बिजली संकट को लेकर संबंधित अधिकारियों से वार्ता कर समस्याओं की जानकारी दी और उच्चाधिकारियों तक व्यापारियों की आवाज पहुंचाने की बात कही।

इस मौके पर व्यापारी नेता अशोक गुप्ता, उदय प्रताप सिंह, विजय मद्धेशिया, संजीव त्रिपाठी, धर्मेंद्र चौरसिया, मनोज गुप्ता, अशोक जायसवाल, प्रशांत सिंह, कैलाश शर्मा, राजू गुप्ता, प्रमोद मद्धेशिया, सिक्की अंसारी, रमाकांत राम, चिंटू गुप्ता, संतोष सोनकर सहित बड़ी संख्या में व्यापारी और नागरिक उपस्थित रहे।

अब देखना यह होगा कि विद्युत विभाग इस गंभीर जनसमस्या को कब तक गंभीरता से लेता है और क्षेत्रवासियों को राहत कब मिलेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button