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लखनऊ 33 हजार स्ट्रीट लाइटें खराब, जिस कंपनी पर रखरखाव का जिम्मा, 10 दिन बाद काम से हट जाएगी

लखनऊ 33 हजार स्ट्रीट लाइटें खराब, जिस कंपनी पर रखरखाव का जिम्मा, 10 दिन बाद काम से हट जाएगी

नगर निगम ने कंपनी को नोटिस जारी कर दिया है। कंपनी को अपने अनुबंध की समाप्ति तक सभी लाइटों को चालू हालत में नगर निगम को हैंडओवर करना है। अगर लाइटें सही नहीं हुईं तो बिल में कटौती होगी।

जिस निजी कंपनी ईईएसएल पर शहर के मार्ग प्रकाश (स्ट्रीट लाइटों) के रखरखाव की जिम्मेदारी है, उसके जिम्मेदार इन दिनों आंखें मूंदे बैठे हैं। ईईएसएल का अनुबंध इसी महीने समाप्त हो जाएगा। उसके पहले कंपनी को सभी लाइटों को चालू हालत में नगर निगम को हैंडओवर करना है, लेकिन कंपनी ने अभी तक ऐसा नहीं किया है।

नगर निगम ने जांच कराई तो शहर में 33 हजार लाइटें खराब और गायब हैं। अब नगर निगम ने ईईएसएल को नोटिस जारी किया है। साल 2018 में ईईएसएल ने स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव का काम शुरू किया था। कंपनी का अनुबंध सात साल के लिए हुआ था, जो अब 31 मई को पूरा हो जाएगा।

कंपनी का काम ठीक नहीं रहा, ऐसे में अनुबंध को अब आगे बढ़ाया नहीं जाना है। इस बाबत नगर निगम ने कंपनी को कई महीने पहले नोटिस जारी किया था। बाद में यह नोटिस भी दिया गया कि अनुबंध समाप्त होने से पहले वह शहर में लगी 2,09,957 लाइटों को चालू हालत में नगर निगम को हैंडओवर करे और साथ में संयुक्त सर्वे भी कराए। नोटिस के बाद भी कंपनी ने सर्वे नहीं कराया। इस पर नगर निगम मार्ग प्रकाश विभाग की टीम ने खुद सर्वे किया। ये भी पढ़े- यूपी: प्रदेश में आंधी-बारिश से जन-जीवन प्रभावित, 19 मौतों के बाद सीएम योगी ने जारी किए दिशा-निर्देश; प्रशासन अलर्ट मोड परसर्वे के दौरान शहर में 10,230 लाइटें गायब और 23,051 लाइटें बंद या खराब होकर पीली पड़ी मिलीं। इस तरह 33 हजार से अधिक नई लाइटों को लगाने की जरूरत है, लेकिन कंपनी ने अभी तक ऐसा नहीं किया। अब नगर निगम ने कंपनी के यूपी हेड को नोटिस जारी कर यह चेतावनी दी गई है कि वह 31 मई के पहले सभी लाइटों को सही कर नगर निगम को हैंडओवर करे, वरना उसके बिल में कटौती की जाएगी।

नगर निगम लगाएगा लाइटें

नगर निगम में मार्ग प्रकाश के मुख्य अभियंता मनोज प्रभात का कहना है कि यदि कंपनी लाइटें नहीं लगाएगी तो  नगर निगम उन्हें लगवाएगा। जून से नगर निगम मार्ग प्रकाश रखरखाव का काम खुद संभाल लेगा। इसकी तैयारी कर ली गई है। कर्मचारी और बजट दोनों का इंतजाम किया गया है। नगर निगम के मुख्य अभियंता मनोज प्रभात ने बताया कि कंपनी यदि लाइटें सही नहीं करेगी तो उसके बकाया बिल में कटौती की जाएगी। जितना बजट लाइटों को लगाने पर खर्च होगा, उससे ज्यादा का बिल बकाया है। ऐसे में चिंता की कोई बात नहीं है।

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