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गाजीपुर : एनएच-124डी बना ग्रामीणों के लिए अभिशाप: न नाला, न पुलिया — 08 फीट ऊपर से बस्ती पर मंडरा रहा जलजमाव और डूब का खतरा, ग्रामीणों का सांकेतिक प्रदर्शन

बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।

आज दिनांक।13/06/025को

एनएच-124डी बना ग्रामीणों के लिए अभिशाप: न नाला, न पुलिया — 08 फीट ऊपर से बस्ती पर मंडरा रहा जलजमाव और डूब का खतरा, ग्रामीणों का सांकेतिक प्रदर्शन

दुल्लहपुर, गाज़ीपुर।विकास के नाम पर बनी नेशनल हाईवे 124डी अब रेवरिया गांव के ग्रामीणों के लिए संकट का कारण बनता जा रहा है। सड़क निर्माण में मूलभूत ढांचागत व्यवस्थाओं की अनदेखी ने बस्ती के दर्जनों परिवारों को संकट में डाल दिया है।

ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व प्रधान कैलाश सोनकर की बस्ती में करीब 50 से अधिक घर हैं, और बस्ती के ठीक पीछे मगई नदी बहती है। पहले बारिश और बाढ़ का पानी बिना बाधा के सड़क पार कर नदी में चला जाता था। लेकिन अब एनएच-124डी करीब 08 फीट ऊंचाई पर बना है, और सड़क के किनारे कोई नाला नहीं बनाया गया है, न ही जल निकासी के लिए पुलिया डाली गई है।

इससे बारिश और मगई नदी के उफान का पानी अब सीधे बस्ती में घुसने का खतरा पैदा कर रहा है। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि यदि समय रहते उपाय नहीं किए गए तो यह बस्ती डूब जाएगी और बड़ा मानवीय संकट खड़ा हो जाएगा।

इस गंभीर समस्या के विरोध में शुक्रवार शाम 6 बजे पूर्व प्रधान कैलाश सोनकर के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीण महिला-पुरुषों ने सांकेतिक प्रदर्शन किया और सरकार से इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग की।

प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों में —कैलाश सोनकर, बृजेश यादव, मोहन सोनकर, जितेंद्र सोनकर, बहादुर सोनकर, मंजू देवी, गीता, रमापति, बसंती, उर्मिला, लीलावती, रीता, पिंकी, तेतरी, लक्ष्मी, रेखा, राजकुमारी, सीमा, उषा, किरण, कबूतरी, सुनील, पुष्पा सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही नाला निर्माण व पुलिया की व्यवस्था नहीं की गई, तो वे बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

जनता की आवाज को अनसुना करना भविष्य में प्रशासन के लिए भारी पड़ सकता है।

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