
कार्तिक पूर्णिमा से शुरू हुआ ठुठवा मेला, सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद, जमकर हुई खरीददारी
बड़ी संख्या में चप्पे चप्पे पर तैनात रहे सुरक्षाकर्मी
(अनुपम मिश्रा)
ईसानगर-खीरी। सरयू नदी के किनारे कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला गांजर का प्राचीन ऐतिहासिक ठुठवा मेला(कतकी मेला) बुधवार से शुरू हो गया, ईसानगर के राजापुर गांव के पास सरयू नदी के किनारे लगने वाले इस प्राचीन ठुठवा मेला में अनुमान के मुताबिक एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने नदी के किनारे बनाए गए घाटों पर स्नान किया। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें तैनात रहीं। सुरक्षा के लिहाज से नदी के किनारे किनारे काफ़ी दूर तक बांस बल्लियों के सहारे बैरीकेटिंग की गई थी, नदी के किनारे घाटों को जाने वाले रास्तों के किनारे नदी के बॉर्डर पर उजाले की व्यवस्था की गई।
ठुठवा मेला की तैयारियों को लेकर व मेला को श्रद्धालुओं के लिए सुगम बनाने के लिए रविवार से ही अधिकारियों ने मेले का निरीक्षण कर मेले की तैयारियों का जायजा लेना शुरू कर दिया था। रविवार को एस पी संकल्प शर्मा,सीओ शमशेर बहादुर सिंह, सोमवार को एसडीएम धौरहरा शशिकांत मणि और विधायक विनोद शंकर अवस्थी तो वहीँ मेले की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने अधिकारियों के साथ मेले का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
पांच दिवसीय आयोजन में हजारों की संख्या में दुकानदारों ने अपनी छोटी बड़ी दुकानें लगाईं। जिनपर बुधवार को बड़ी संख्या में मेला देखने पहुँचे लोगों ने जमकर खरीददारी की और मेला का लुफ्त उठाया। करीब आधा किमी से ज्यादा के क्षेत्रफल में फैले इस मेले में प्रमुख रूप से लकड़ी के फर्नीचर, कपड़ों और बर्तनों की दुकानें लगती हैं। हजारों की संख्या में लगी दुकानों पर लोगों द्वारा जमकर देर शाम तक खरीदारी होती है, बच्चों ने टॉय ट्रेन और मेला में आए कई तरह के झूलों का जमकर लुफ्त उठाया। स्नान के लिए मेले से करीब एक किलोमीटर दूर बैरीकेटिंग कर स्नान के लिए घाट बनाए गए। घाटों की निगरानी फ्लड पीएसी के अलावा एनडीआरएफ टीम नाव से कर रही थी। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पवित्र सरयू नदी में स्नान करके बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सत्यनारायण भगवान की कथा सुन पुरोहितों को दान दक्षिणा की।बुधवार को पूर्णिमा स्नान के दिन थाना प्रभारी ईसानगर निर्मल तिवारी घाट पर घंटों तपती धूप में खड़े रहकर निगरानी करते रहे। बैरीकेटिंग के बावजूद कड़ी सुरक्षा के मद्देनज़र बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी धूप और गर्मी की परवाह किए बगैर लोगों की सुरक्षा में तैनात रहे। जबकि कबिरहा प्राथमिक विद्यालय से लेकर कबिरहा-पलिहा मार्ग पर कुछ दूर तक लोगों को भारी जाम का सामना करना पड़ा, वाहनों की इतनी जाम कि पैदल जाने वाले लोगों का भी निकलना मुश्किल से भरा था। मेला से घर वापसी कर रहे लोगों ने बताया कि मेला वापसी के समय पलिहा की तरफ से मेला की ओर आ रहे वाहन भारी जाम का कारण बने।
ईसानगर थानाध्यक्ष निर्मल तिवारी ने बताया कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए 12 उपनिरीक्षक, 22 हेड कांस्टेबल, 50 कांस्टेबल, 22 महिला कांस्टेबल तथा डेढ़ सेक्शन पीएसी, एक फायर ब्रिगेड और ट्रैफिक जवानों के साथ ईसानगर, खमरिया व धौरहरा थाने की पुलिस तैनात रहेगी। मेले में अस्थायी पुलिस चौकी बनाई गई है जो सीसीटीवी कैमरे से चप्पे-चप्पे पर अराजक तत्वों पर कड़ी नजर रखे हुई थी। ठुठवा मेला में साधु-संतों के अलावा कल्पवासी अपने पांडाल लगाकर यहाँ साधना करने आते हैं। मेले में चिकित्सा कैम्प भी लगाया गया था, जहाँ पर स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात रही।जहाँ पर मेला आए कुछ श्रद्धालुओं ने दवाएं भी लिया।


