उपराष्ट्रपति चुनाव: आठ सितंबर को रात्रिभोज देंगे पीएम मोदी; एनडीए के सभी सांसद रहेंगे मौजूद

उपराष्ट्रपति चुनाव: आठ सितंबर को रात्रिभोज देंगे पीएम मोदी; एनडीए के सभी सांसद रहेंगे मौजूद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले 8 सितंबर को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसदों के लिए रात्रिभोज का आयोजन करेंगे।एनडीए के एक वरिष्ठ नेता ने यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस तरह का आयोजन गठबंधन की एकता को मजबूत करने में हमेशा उपयोगी साबित होता है। उन्होंने कहा, यद्यपि हमारे उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को एनडीए के सभी सहयोगियों का पूर्ण समर्थन हासिल है, यह रात्रिभोज मतदान के दौरान सांसदों के बीच समन्वय और एकता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
कब और कैसे होगा मतदान?राज्यसभा सचिवालय के अनुसार- मतदान 9 सितंबर, मंगलवार को संसद भवन स्थित कक्ष एफ-101, वसुंधा में होगा। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। वोटों की गिनती शाम 6 बजे से शुरू होगी और नतीजा तुरंत घोषित किया जाएगा।
क्या है चुनाव मंडल?राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (5 सीटें रिक्त)
राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य
लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (1 सीट रिक्त)
कुल सदस्य: 788 (वर्तमान में 782 सक्रिय सदस्य)
एनडीए का दांव- राधाकृष्णन का अनुभव67 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान दो बार कोयंबटूर से लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया। वे भाजपा के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष भी रहे और 2016 से 2020 तक अखिल भारतीय नारियल बोर्ड के अध्यक्ष रहे। उनके कार्यकाल में नारियल व कोयर उत्पादों का निर्यात बड़ी मात्रा में बढ़ा। एनडीए का दावा है कि राधाकृष्णन ‘साफ-सुथरी छवि वाले नेता’ हैं और उनके राजनीतिक व प्रशासनिक अनुभव से राज्यसभा की अध्यक्षता को मजबूती मिलेगी।
विपक्ष का दांव- न्यायप्रिय छवि वाले रेड्डी79 वर्षीय बी. सुदर्शन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट से जुलाई 2011 में रिटायरमेंट लिया। वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जज, फिर गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और बाद में सुप्रीम कोर्ट जज रहे। उन्होंने कई अहम फैसले दिए, जिसमें काले धन पर केंद्र सरकार की ढिलाई की आलोचना, छत्तीसगढ़ सरकार की सलवा जुडूम नीति को असंवैधानिक ठहराया और काले धन की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश शामिल है। कांग्रेस व विपक्षी दल मानते हैं कि रेड्डी ‘सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के सतत व साहसी समर्थक’ हैं। हाल ही में उन्होंने तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण कराने वाली समिति का नेतृत्व भी किया।