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उपराष्ट्रपति का लखनऊ दौरा: ‘मां हमारी नहीं रह जाती… सबकी हो जाती हैं’, आनंदी पटेल का भावुक कर देने वाला भाषण

उपराष्ट्रपति का लखनऊ दौरा: ‘मां हमारी नहीं रह जाती… सबकी हो जाती हैं’, आनंदी पटेल का भावुक कर देने वाला भाषण

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ का विमोचन किया। इस मौके पर राज्यपाल की बेटी अनार पटेल ने कहा कि ‘मां हमारी नहीं रह जाती… सबकी हो जाती हैं’।

राजधानी लखनऊ में गुरुवार को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे। यहां उन्होंने यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ के विमोचन कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम जानकीपुरम स्थित एकेटीयू में आयोजित हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना व पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र समेत कैबिनेट मंत्री मौजूद रहे। स्वामी चिदानंद सरस्वती भी साथ में रहे।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बक्शी का तलाब स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत किया। उनके साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी रहीं। कार्यक्रम में पहुंचकर उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद पुस्तक का विमोचन किया।

कानून व्यवस्था के लिए सीएम योगी ने बहुत काम किया- अनार पटेल

इस मौके पर राज्यपाल की बेटी अनार बेन पटेल ने कहा कि कार्यक्रम के तय होते की उप राष्ट्रपति का नाम आया। मां ने हमेशा आपको एक भाई की तरह देखा है। उप राष्ट्रपति भवन में परिवार की तरह प्यार मिला। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने बहुत काम किया है। पहले शाम 7 बजे के बाद निकल नहीं सकते थे। सीएम योगी ने प्रधानमंत्री के सपने को आगे बढ़ाया है। इसके साथ ही चिदानंद सरस्वती भी आशीर्वाद देने यहां आए हैं। सतीश महाना ने विधान सभा में काफी बदलाव किया है।

मां हमारी नहीं रह जाती… सबकी हो जाती हैं। यह किताब कोई कहानी नहीं बल्कि सबके लिए प्रेरणा है। उन्होंने क्रम से मां के तीन गुण विस्तार से बताएं।

आत्मबल, हर स्थिति से लड़ते देखा। कभी रोते नहीं देखा है। बाल विवाह को रुकवाया है सख्ती के साथ।
जिम्मेदारी के प्रति समर्पण, हमारे सपने बड़े और छोटा पद मिल गया। मां को जो जिम्मेदारी गंभीरता से निभाया है।
संबंध… संबंध में स्वार्थ नहीं रखने का संदेश देती है। इंसान के लिए हमेशा खड़े रहो। स्वार्थ लंबा नहीं चलता है। अब तो पर दादी भी बन गई है। मां पर गर्व है।

राज्यपाल ने अपनी मेहनत से पढ़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे का संदेश दिया
इस अवसर पर चिदानंद सरस्वती ने कहा कि मुझे चुनौतियां पसंद हैं। चुनौतियां हमें पसंद करें यह बड़ी बात है। इन तीनों ने चुनौतियों में खड़े रहकर बेहतर किया। आपदा को अवसर बना दिया। अवसर को उत्सव बना दिया। कोविड में भी राजभवन सजा हुआ था। वह बेटी जो अपने गांव में सबसे पहले पढ़ने आगे बढ़ी तो आगे चलकर शिक्षक, मंत्री, सीएम और फिर राज्यपाल बनी। यानी पढ़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे का संदेश दिया। उन्होंने आगे कहा कि इस युग में नारी होना ही एक चुनौती है। नारी बने रहना भी एक चुनौती है। जीवन ऐसे जियें कि मिसाल बन जाए। राजभवन को राजभवन बना दिया। एकरूप होकर रहेंगे का संदेश देते हुए अंतर को राजभवन ने मिटाया है। देश के सामने चुनौती है, मिलकर रहना है। सीएम योगी कहते हैं कि एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। वक्त की नजाकत को समझकर काम करना सीएम की खासियत है। इस पर देश और सिस्टम सोचता है।

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