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ईसानगर खीरी : किसानों की मेहनत पर पानी, नदी में समा गई खेतों में लहलहाती फसलें

किसानों की मेहनत पर पानी, नदी में समा गई खेतों में लहलहाती फसलें

ईसानगर खीरी। ईसानगर में किसानों का दर्द देखने विधायक विनोद शंकर नदी के किनारे पहुंच गए, उन्होंने किसानों की फसलों को डूबती देखा इस दौरान किसानों की आँखों में आँसू मौजूद थे, किसान बोले – विधायक जी, अब आश्वासन नहीं, समाधान चाहिए।

घाघरा नदी के किनारे बसे रुद्रपुर गाँव में इस समय कटान की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। कटान की चपेट में आकर किसानों की धान की फसल बर्बाद हो रही है। इस धान की फसल को, जिसे किसानों ने महीनों की मेहनत और घंटों लंबी लाइनों में लगकर मिलने वाली यूरिया खाद डालकर तैयार किया था।

खेतोँ में लहलहाती फसल को नदी की धार में समाते देख किसानों की आँखों में आँसू छलक आए। उन्होंने कहा कि क्या हमारी कोई सुनने वाला है? चुनावी माहौल के दौरान सालों से सिर्फ़ वादे और आश्वासन मिलते चले आ रहे हैं, लेकिन ज़मीन और फसल हर साल नदी के गाल में समाती जा रही है।

बोले किसान -समय रहते रोकथाम नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में न केवल फसलें बल्कि नदी में समा सकते है किसानों के घर

नदी द्वारा धड़ल्ले से हो रहे कटान की सूचना मिलते ही धौरहरा विधायक विनोद शंकर अवस्थी मौके पर पहुँचे, इस दौरान उनके साथ तहसीलदार धौरहरा आदित्य विशाल भी मौजूद रहे। दोनों ने गाँव के किसानों और ग्रामीणों से मुलाकात की और सुरक्षा का आश्वासन दिया। विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत आवश्यक कदम उठाने के दिशा निर्देश दिए। हालाँकि किसानों के मन में सवाल अब भी बने हुए हैं।

उनका कहना है कि क्या कार्रवाई सिर्फ़ दिशा निर्देशों तक सीमित रह जाएगी या वाकई कोई ठोस कदम उठाया जाएगा? ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते रोकथाम नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में न केवल फसलें बल्कि उनके घर भी नदी की धारा में बह सकते हैं।आश्वासन पाकर उन्होंने कहा,हम सालों से आश्वासन पर आश्वासन सुनते-सुनते थक गए हैं। इस बार विधायक जी आए हैं, तो उम्मीद है कि कुछ ठोस समाधान की उम्मीद है। फिलहाल यह भविष्य के गर्त में है कि नदी के कटान को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे या फिर सब ऐसे ही चलता रहेगा।

लखीमपुर खीरी से अनुपम मिश्रा की ख़ास रिपोर्ट

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