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आरबीआई ने रेपो रेट में की 50 आधार अंकों की कटौती, छह से 5.5% हुई; आपकी EMI हो सकती है कम

आरबीआई ने रेपो रेट में की 50 आधार अंकों की कटौती, छह से 5.5% हुई; आपकी EMI हो सकती है कम

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को एमपीसी की बैठक के बाद नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का एलान किया है। एमपीसी के सदस्यों ने रेपो रेट में  50 आधार अंकों की कटौती के पक्ष में मत दिया है। अब यह 6 प्रतिशत से घटकर 5.5% हो गई। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को एमपीसी की बैठक के बाद नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का एलान किया है। एमपीसी के सदस्यों ने रेपो रेट में  50 आधार अंकों की कटौती के पक्ष में मत दिया है। अब यह 6 प्रतिशत से घटकर 5.5% हो गई। साल 2025 में लगातार तीसरी एमएमसी बैठक में ब्याज दरों में कटौती का एलान किया गया है। केंद्रीय बैँक के इस फैसले से आपके लोन की ईएमआई कम होने का रास्ता भी साफ हो गया है, हालांकि ऐसा बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कटौती के एलान के बाद ही हो पाएगा।

आरबीआई रेपो रेट में उम्मीद से अधिक कटौती की
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को विकास को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में उम्मीद से अधिक 50 आधार अंकों की कटौती की। ब्याज दरों में कटौती के बाद प्रमुख नीतिगत दर घटकर तीन वर्ष के निम्नतम स्तर 5.5 प्रतिशत पर आ गई, जिससे आवास, ऑटो और कॉर्पोरेट ऋण लेने वालों को राहत मिल सकती है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि विकसित हो रहे व्यापक आर्थिक और वित्तीय विकास और आर्थिक परिदृश्य के विस्तृत आकलन के बाद मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती करने का निर्णय लिया है।

कोविड के बाद पहली बार लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती
फरवरी 2025 से आरबीआई ने नीतिगत दर में 100 आधार अंकों की कटौती की है। अप्रैल में अपनी पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में भी केंद्रीय बैंक रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की थी और इसे 6 प्रतिशत कर दिया था। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रेपो में 100 आधार अंकों की त्वरित कटौती के बाद अब एमपीसी के पास विकास को समर्थन देने के लिए सीमित गुंजाइश बची है। कोविड-19 के बाद यह पहली बार है कि आरबीआई ने फरवरी 2020 से लगातार तीन बार ब्याज दरों में कटौती की है।

जीडीपी का पूर्वानुमान 6.5% पर बरकरार, महंगाई का अनुमान 4% से नीचे

हालांकि, मल्होत्रा ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। अच्छे मानसून की उम्मीदों के चलते मुद्रास्फीति का अनुमान 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एमपीसी का मानना है कि ब्याज दरों में कटौती से विकास को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, दर निर्धारण पैनल ने अपना रुख ‘अकोमोडेटिव’ से बदलकर तटस्थ कर दिया है।

आइए जानते हैं, रेपो रेट में कमी का आपकी ईएमआई पर क्या असर पड़ेगा। लेकिन उससे पहले जानते हैं रेपो रेट है क्या?
क्या है रेपो रेट?

रेपो रेट वह दर है जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) बैंकों को उधार देता है। जब रेपो रेट घटता है, तो बैंकों के लिए उधार लेना सस्ता हो जाता है, और वे अपने ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर ऋण दे सकते हैं।

रेपो रेट कम होने से आपकी ईएमआई पर क्या असर पड़ सकता है?

अब, मान लें कि आपके पास एक होम लोन है जिसकी ब्याज दर रेपो रेट से जुड़ी हुई है। यदि रेपो रेट 6% से घटकर 5.5% हो जाता है, तो आपके होम लोन की ब्याज दर भी कम हो सकती है। कैसे, आइए जानते हैं।मान लें कि आपका होम लोन 20 लाख रुपये का है, जिसकी अवधि 20 वर्ष (240 महीने) है।पुरानी ब्याज दर 8% पर ईएमआई की गणना1. मूलधन (P): 20,00,000 रुपये2. ब्याज दर (R): 8%/वर्ष = 0.08/12 = 0.006667/माह3. अवधि (N): 240 महीनेईएमआई की गणना के लिए सूत्र:ईएमआई = P * R * (1 + R)^N / ((1 + R)^N – 1)ईएमआई= 16,729 रुपयेनई ब्याज दर 7.5% पर ईएमआई की गणना:1. मूलधन (P): 20,00,000 रुपये2. ब्याज दर (R): 7.5%/वर्ष = 0.075/12 = 0.00625/माह3. अवधि (N): 240 महीनेईएमआई की गणना के लिए सूत्र:ईएमआई = P * R * (1 + R)^N / ((1 + R)^N – 1)ईएमआई= 16,138 रुपयेईएमआई में कमी:पुरानी ईएमआई: 16,729 रुपयेनई ईएमआई: 16,138 रुपयेकमी: 591 रुपये प्रति माहऐसे में आपकी ईएमआई रेपो रेट में कमी के कारण हर महीने लगभग 591 रुपये कम हो जाएगी।

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