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लखनऊ ढिलाई के चलते शुरू नहीं हो सके 400 करोड़ के काम, अब बारिश से और बिगड़ेंगे हालात

लखनऊ ढिलाई के चलते शुरू नहीं हो सके 400 करोड़ के काम, अब बारिश से और बिगड़ेंगे हालात

लखनऊ में 400 करोड़ रुपये की लागत से पार्षद कोटे और वित्त आयोग से जुड़ी परियोजनाएं अभी तक शुरू नहीं हो पाई हैं और अब बारिश इनके रास्ते में बाधा बनेंगी। आंतरिक खींचतान, महापौर-पार्षद विवाद और राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण काम अधर में हैं।

शारदा नगर द्वितीय वार्ड में आने वाले शीतल खेड़ा इलाके की मेन रोड ही टूटी है। बजरी उखड़ गई है। सीवर और नाली का गंदा पानी रास्ते में भरा रहता है, जिससे लोगों का आना-जाना भी मुश्किल है। इलाके में रहने वाले हर्ष शुक्ला कहते हैं कि सड़क बनवाने के लिए पार्षद से भी कहा गया, मगर अभी तक नहीं बनी। यह हाल विस्तारित सीमा के अलावा पुराने वार्डों में भी है, जबकि करीब 400 करोड़ रुपये से अधिक का बजट नगर निगम के पास पड़ा है और काम नहीं हो रहा है।

शहर में करीब 400 करोड़ की लागत से होने वाले जिन कार्यों को अब तक हो जाना चाहिए था, वह ढिलाई और अंदरूनी खींचतान के कारण शुरू भी नहीं हो सके हैं। कुछ दिनों बाद बारिश शुरू हो जाएगी, ऐसे में करीब तीन महीने तक काम और नहीं हो पाएंगे। जो काम फंसे हैं, उनमें पार्षद कोटे के करीब 55 करोड़ रुपये के काम और बाकी 345 करोड़ के 15वें वित्त व अवस्थापना निधि के हैं।

पार्षद कोटे की किस्त करीब डेढ़ महीने पहले जारी हुई थी, लेकिन अब तक एक भी वार्ड में काम शुरू नहीं हुआ। स्थिति यह है कि अभी किसी पार्षद ने प्रस्ताव ही नहीं दिया है। वहीं अवस्थापना, 15वां वित्त और वायुगुणवत्ता सुधार मद से जो काम होने हैं वह भी अभी तय नहीं हो पाए हैं जबकि इसे लेकर सात मई को बैठक हो चुकी है। जानकारों का कहना है कि बजट करीब छह महीने पहले आ गया था, मगर बैठक ही समय से नहीं की गई।

इसलिए हो रही देरी

नगर निगम के जिम्मेदार तो काम में देरी को लेकर कुछ नहीं बोल रहे हैं, मगर अंदरखाने चर्चा है कि देरी की वजह नगर निगम के जिम्मेदारों के बीच खींचतान है। महापौर और पार्षदों का विवाद खुलकर सामने आ चुका है। सूत्र बताते हैं कि यही वजह है कि यह तय नहीं हो पा रहा है कि कितनी लागत से काम किस वार्ड में कराए जाएं। कई विधायक और सांसद भी अपने हिसाब से काम कराने के लिए जोर लगा रहे हैं। इसके कारण जो कच्ची सूची बन रही है, वह 600 करोड़ से अधिक की हो गई है, जबकि बजट कम है। ऐसे में काम तय करने के लिए समिति बनाई गई है।

ये होने हैं प्रमुख कार्य
64 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों, नाली, फुटपाथ का निर्माण
55 करोड़ की लागत से 110 वार्डों में सड़क-नाली के कार्य
1.50 करोड़ की लागत से तीन एंटी स्मॉगगन (वाटर स्प्रिंकलर)
75 लाख रुपये की लागत से जानकीपुरम सेक्टर-2 व 9 में ग्रीन बेल्ट का निर्माण
7 करोड़ रुपये की लागत से जमीन को सुरिक्षत करने के लिए तारबाड़ कराना
10 करोड़ रुपये की लागत से बैकुंठधाम पर सीएनजी शवदाह गृह का निर्माण व सुधार कार्य
2 करोड़ की लागत से कूड़ा निस्तारण सेंटर का निर्माण
30 करोड़ की लागत से पेयजल आपूर्ति सिस्टम में सुधार

नगर निगम के मुख्य अभियंता महेश वर्मा के अनुसार बारिश के दौरान सड़क के काम तो नहीं हो पाएंगे, लेकिन नाली के काम हो जाएंगे। कौन से काम कराए जाएं, यह समिति तय करेगी। समिति की बैठक सात मई को हुई थी, जिसकी कार्यवाही सात जून को जारी हो गई है। उसके आधार पर आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।

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