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रामनगरी अयोध्या और तीर्थराज प्रयाग में राज्य सरकार अतिथि गृहों के निर्माण कराने जा रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों अतिथि गृहों के निर्माण स्थल, ले-आउट, सुविधाओं और साज-सज्जा आदि के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया

रामनगरी अयोध्या और तीर्थराज प्रयाग में राज्य सरकार अतिथि गृहों के निर्माण कराने जा रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों अतिथि गृहों के निर्माण स्थल, ले-आउट, सुविधाओं और साज-सज्जा आदि के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया

जिला संवाददाता
इंडिया नाउ 24 तपन बोस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए अतिथि गृहों की डिजाइन देख ली है। इनकी वास्तुकला में वैष्णव परंपरा की झलक दिखेगी। भवनों का निर्माण राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री आदि के सुरक्षा व सुविधा प्रोटोकॉल के अनुरूप होगा।

रामनगरी अयोध्या और तीर्थराज प्रयाग में राज्य सरकार अतिथि गृहों के निर्माण कराने जा रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों अतिथि गृहों के निर्माण स्थल, ले-आउट, सुविधाओं और साज-सज्जा आदि के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

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मुख्यमंत्री आवास पर राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राम जन्म भूमि मंदिर स्थापना के बाद अयोध्या में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, सहित देश-दुनिया से अनेक विशिष्ट-अतिविशिष्ट अतिथियों का आगमन हो रहा है। इनके प्रवास के लिए सुरक्षा व सुविधा के उत्कृष्ट मानकों के साथ गेस्ट हाउस की आवश्यकता है। इसी प्रकार प्रयागराज में अतिविशिष्ट जनों के बेहतर आतिथ्य के लिए एक सर्वसुविधायुक्त अतिथि गृह बनाया जाना आवश्यक है। इसके लिए प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाए।

अयोध्या में प्रस्तावित अतिथि गृह के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरयू नदी के किनारे पर्यटन विभाग की भूमि अतिथि गृह के लिए उपयुक्त होगी। यहां करीब 3.50 एकड़ क्षेत्र में अतिथि गृह बनाया जा सकता है। भवन की वास्तुकला में वैष्णव परंपरा की झलक होनी चाहिए। भवन की ऊंचाई तय करते समय इसका ध्यान रखें कि किसी भी दशा में यह राम जन्म भूमि मंदिर से ऊंचा न हो। वहीं, प्रयागराज में लगभग 10,300 वर्ग मीटर एरिया में प्रस्तावित अतिथि गृह महर्षि दयानंद मार्ग पर होगा। जहां कांफ्रेंस हॉल, डायनिंग हॉल, कैंटीन आदि की उपलब्धता होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिविशिष्ट अतिथियों को आगमन को ध्यान में रखते हुए दोनों अतिथि गृहों में पार्किंग की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। अतिथि गृहों में ओडीओपी ब्लॉक भी हो, ताकि आगंतुक प्रदेश की विविधतापूर्ण शिल्पकला से परिचित हो सकें।

Himanshu Chaubey

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